Sam bahadur movie review: सैम बहादुर मूवी क्या आपको देखनी चहिए? आइए देखते है।

Sam bahadur movie review: सैम बहादुर मूवी क्या आपको देखनी चहिए? आइए देखते है।

Sam bahadur movie review

IMDB rating: 8.5/10         

Available: zee5

फिल्म "सैम बहादुर" 1 दिसंबर 2023 को रिलीज़ हुई थी और भारतीय फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन मेघना गुलज़ार ने किया है और विक्की कौशल ने सैम मानेकशॉ का किरदार निभाया है। फिल्म में सान्या मल्होत्रा और फातिमा सना शेख भी सह-कलाकार हैं। फिल्म की समीक्षा काफी मिली-जुली रही है। कुछ समीक्षकों ने इसकी सराहना की है, जबकि कुछ ने इसकी आलोचना भी की है।

फिल्म "सैम बहादुर" मुख्य रूप से भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन और उनके सैन्य योगदान पर केंद्रित है। कहानी उनके ब्रिटिश सेना में शुरुआती दिनों से शुरू होती है और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध तक फैली हुई है। फिल्म उनके करियर के महत्वपूर्ण पड़ावों को दर्शाती है, जैसे:

विभाजन का समय: फिल्म उस समय को दर्शाती है जब 1947 में ब्रिटिश भारतीय सेना का विभाजन हो रहा था। मानेकशॉ को दोनों देशों की सेना में शामिल होने का ऑफर मिलता है, लेकिन वह भारत की तरफ से लड़ने का फैसला लेता है।

कश्मीर का विलय: फिल्म दिखाती है कि कैसे मानेकशॉ ने अपनी रणनीतिक दिमाग से 1947 में कश्मीर के विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

1962 का भारत-चीन युद्ध: फिल्म इस युद्ध में मानेकशॉ के नेतृत्व और रणनीतियों को दर्शाती है, हालांकि इस पर ज्यादा ज़ोर नहीं दिया गया है।

1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध:।फिल्म में इस युद्ध का एक छोटा सा हिस्सा दिखाया गया है, जिसमें मानेकशॉ की रणनीतियों से भारत को जीत हासिल होती है।

1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध: फिल्म का सबसे बड़ा हिस्सा इस युद्ध पर केंद्रित है। फिल्म दिखाती है कि कैसे मानेकशॉ की नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक कौशल के चलते भारत ने पाकिस्तान को हराया और बंग्लादेश का एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में जन्म हुआ।

यह ध्यान रखें कि फिल्म मानेकशॉ के व्यक्तिगत जीवन पर भी थोड़ा प्रकाश डालती है, जैसे उनकी पत्नी के साथ रिश्ता और उनके बच्चों के साथ उनका बंधन। फिल्म में कुछ काल्पनिक किरदार भी हैं, जो कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।

अन्य बाते:

विक्की कौशल का अभिनय: अधिकांश समीक्षकों ने विक्की कौशल के अभिनय की प्रशंसा की है। उनका मानना है कि विक्की ने सैम मानेकशॉ के किरदार को बखूबी निभाया है और उनके हाव-भाव, डायलॉग डिलीवरी और बॉडी लैंग्वेज काफी प्रभावशाली है।

निर्देशन: मेघना गुलज़ार के निर्देशन की भी प्रशंसा की गई है. समीक्षकों का मानना है कि उन्होंने फिल्म को काफी संजीदगी के साथ बनाया है और सैम मानेकशॉ के जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों को बखूबी दर्शाया है।

युद्ध के दृश्य: फिल्म के युद्ध के दृश्यों को भी काफी प्रभावशाली माना गया है। समीक्षकों का मानना है कि इन दृश्यों को बड़े ही परदे पर देखने का एक अलग ही अनुभव है।

कहानी की गति: कुछ समीक्षकों का मानना है कि फिल्म की कहानी की गति थोड़ी धीमी है और कुछ जगहों पर यह खिंची हुई भी लगती है।

पात्रों का विकास: कुछ समीक्षकों का मानना है कि फिल्म के कुछ पात्रों का विकास ठीक से नहीं हुआ है और दर्शकों को उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है।

क्लाइमेक्स: कुछ समीक्षकों का मानना है कि फिल्म का क्लाइमेक्स थोड़ा कमजोर है और दर्शकों को इससे ज्यादा उम्मीद थी।

"सैम बहादुर" एक अच्छी फिल्म है, लेकिन यह एक बेहतरीन फिल्म नहीं है। फिल्म में कुछ कमियां जरूर हैं, लेकिन विक्की कौशल का शानदार अभिनय और मेघना गुलज़ार का निर्देशन इन कमियों को कुछ हद तक कम कर देता है। कुल मिलाकर, यह एक ऐसी फिल्म है जिसे आप एक बार जरूर देख सकते हैं, खासकर अगर आप भारतीय इतिहास में रुचि रखते हैं।

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